हर व्यक्ति के सीने में दिल होता है और हर दिल में जज्बात होता है. तभी तो लोग अक्सर जज्बाती हो जाते है. ख़ुशी के जज्बात से दिल भरता है या दुःख के जज्बात से दिल भरता है तो अक्सर आँखे छलक जाती है. जब दिल में नफरत और द्वेष बढ़ता है तो जज्बात क्रोध बन जाते है. जब किसी से प्रेम होता है तो बातों और जज्बातों में मिठास आ जाती है. हर दिल किसी न किसी जज्बात से भरा हुआ है.
Jazbaat shayari in Hindi
अगर टूटे दिल से आगे बढ़ना हो तो जज्बातों को परे रखना पड़ता है
खुद अपने जख्मों को भरकर जीवन में आगे बढ़ना पड़ता है.
पूनम का पूरा चांद भी निकला है आसमान में,
हवाएं भी फूलों की महक लाती हैं,
न जाने क्यों तुम्हारी याद आते ही,
मेरे चेहरे पर मुस्कान सी छा जाती है.
डरते थे हम जिससे,
फिर वही बात हो गई,
जो तुम छोड़कर चले गए,
जिंदगी एक तन्हा रात हो गई।
कैसी बीती रात किसी से मत कहना,
सपनो वाली बात किसी से मत कहना,
कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए,
कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना.
लो एक बार फिर मुझे तेरी याद आई,
अब तो डसती है तुम्हारी ये रुसवाई,
फिर से रोशन कर दो गमगीन रात को,
बहुत तड़पाती है इन रातों की तन्हाई
जज्बात शायरी
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं.
कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है,
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती,
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है.
यादों में आपके तन्हा बैठे हैं,
आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं.
तुमने कुछ कहा ना कुछ सुना हमने,
और इशारों में ही सारी बात हो गई,
वक्त का पता दोनों को ही नहीं चला,
लो फिर से हसीन चांदनी रात हो गई.
कदरत की बक्शी सौगात को जिन्दा रखेंगे,
जब तक जिन्दा है जज़्बात को जिन्दा रखेंगे,
चाहे जितनी आग उगले ये गर्मी का सूरज
सावन के मौसम बरसात को जिन्दा रखेंगे।
प्यार वो है जो जज्बात को समझे,
मोहब्बत वो है जो एहसास को समझे,
मिलते है जहाँ में बहुत अपना कहने वाले
पर अपना वो है जो बिन कहे हर बात समझे।
jazbaat shayari 2 line
जब इंसान पर खुद नही गुजरती है,
जज्बातों को भी मजाक समझते है।
अगर हमारी कोई मजबुरी ना होती,
जज्बातों से भरी पड़ी सारी दुनिया होती।
खाली पड़ी है मेरे पन्नों की वो किताब,
कोई आकर लिख दे अपने जज्बात।
जज्बात लिखकर नही बयां किये जाते,
बल्कि बातों में भी बयां हो जाते है।
जज्बात ऐसे है कि कुछ ऐसा मेरा नसीब हो,
सारी जिंदगी तू मेरे करीब हो।
जिंदगी जब हसीन हो जाती है,
जब चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है।
कोई समझे या ना समझे हमारे जज्बातों को,
हम तो समझते है उनकी हर बातों को।
कुछ रिश्तों में जज्बात होते है,
जो मोहब्बत से भी बढ़कर होते है।
दिल के जज्बात शायरी
जरूरी नहीं हर रिश्ते को
मोहब्बत का नाम दिया जाये,
कुछ रिश्तो के जज्बात
मोहब्बत से बढ़कर होते है.
छूटे ना कभी आपका साथ,
पकड़े रहना सदा मेरा हाथ,
मीठी लगती है तेरी हर बात
बता कैसे संभालूं ये जज्बात।
मुक़्क़मल होगा सफर एक दिन
बस दिल में ताजा जज्बात रखना,
तमाम मुश्किलें आएँगी लेकिन
अपने काबू में हर हालात रखना।
इक जरा सी बात पर
आज तू मुझसे खफ़ा है
कह तो सही रख दूँ
दिल चीर कर
पहले जैसी बात नहीं,
भूल गयी, या कुछ याद नहीं,
कल तक हम मरते थे जिस मुखड़े पे
उसमें अब वो जज्बात नहीं।
मेरे जज्बात शायरी
वक़्त बदलता है
तो बात बदल जाते है,
जब हालात बदलते है
तो जज्बात बदल जाते है.
मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ,
ग़मों से उलझ कर भी मैं मुस्कराता हूँ,
हाथों में मुकद्दर की लकीरें है नहीं लेकिन,
मैं तो अपना मुकद्दर खुद बनाता हूँ।
हालात से टकराने का जज्बा रखो,
मुश्किलों में मुस्कुराने का जज्बा रखो,
अगर रूठ जाए तुम्हारे दिल का रेगिस्तान,
तो रेत की दीवार बनाने का जज्बा रखो।
बुझी शमां भी जल सकती है,
तूफान से कश्ती भी निकल सकती है,
होके मायूस यूं ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
सफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो,
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
जज्बात शायरी फेसबुक
सामने हो मंजिल तो रास्ते न मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना न तोडना,
कदम कदम पे मिलेगी मुश्किल आपको,
बस सितारे चुनने के लिए कभी जमीन मत छोडना।
फूलों की तरह मुस्कुराना जिंदगी में,
मुस्कुरा के गम भुलाना जिंदगी में,
जीत कर खुश हुए तो क्या खुश हुए,
हार कर भी मुस्कुराना जिंदगी में।
शायरी जज्बात की
मुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाएंगी,
आँखों के पर्दों को निगाहों से हटाएँगी,
गिरकर भी हम को संभलना होगा,
ये ठोकरें ही हमको चलना सिखाएंगी।
जीत की ख़ातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमें उबाल हो ऐसा खून चाहिए,
ये आसमां भी आ जाएगा ज़मीं पर,
बस इरादों में जीत की गूँज चाहिए।
बहुत कम ही मिलते है जो समझ
सकें जज्बात मेरे, भला कोई है इस
जहाँ में जो दुसरो के दर्द अपने
आँखों से बयाँ कर सके।
जज्बात पर गजलें शायरी
ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल
के जज़्बात अलग थी सारी बात लकीरों
की, तेरे हाथ अलग, मेरे हाथ अलग।
आँखों से आंसू नहीं जज़्बात बहते
गए, कोई समझ ना सकेगा तुझे
गिरने से पहले वो कहते गए।
झुकी हुई पलकों से जिनका दीदार किया,
सब कुछ भुला के जिनका इंतज़ार किया,
वो जान ही न पाये जज़्बात मेरे,जिन्हें
दुनिया से बढ़कर मैंने प्यार किया।
जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा
हास्य बातो या जज़्बातो मुलाकातों का हंगामा
जवानी के क़यामत दौर में ये सोचते है सब
ये हंगामे की राते है या है रातो का हंगामा.
जज्बातों को दफन कर दिया है दिल
के एक कोने में क्योंकि किसी ने क्या
पाया है सिर्फ और सिर्फ रोने में
बदलते नहीं जज़्बात मेरे रोजाना
तारीखों की तरह, बेपनाह इश्क़
करने की ख्वाहिश मेरी आज भी है।