Top 75+ Baat Nahi Karne Ki Shayari In Hindi

Baat Nahi Karne ki Shayari In Hindi: दोस्तो हमे जिंदगी में कई तरह के इंसान मिलते है। कुछ का स्वभाव हंसमुख होता है। जो पहले ही बात में आपके दिल को छू लेते है। और आपको अपना दोस्त बनाने में कामयाब हो जाते है। तो दूसरी और कुछ लोग इस तरह होते है। जो अपनी ही दुनिया में मस्त रहते है। वो लोगों से ज्यादा बात करना पसंद नही करते और अगर करते भी है तो फिर वह जल्दी ही नाराज हो जाते है।

तो फ्रेंड्स आज हम आपके सामने लेकर आए है। Baat nahi karte shayari, साझा कर रहे है। इन्हे आप अपने दोस्तो और परिजनो के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।

 

Baat nahi hoti shayari in hindi

तरस जाओगे मेरे लबों से कुछ सुनने को,
बात करना तो दूर हम शिकायत भी नहीं करेंगे

बात नहीं करती अब मुझे से लेकिन सच
मनो तो आज भी वो मेरे लिए बहुत खास है

ना जाने उनकी ऐसी क्या मज़बूरी आ गयी हैं
हमसे बात करने में उन्हें बड़ी दिक्कत आ रही हैं।

मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी ऐसा कहकर वो
call काट देते हैं मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर
मेरी कॉल का इंतजार करते हैं.

रोते हुए को हसाने की क्या सजा पा गया,
मेरी जिंदगी की खुशी उसको मिली,और
उसकी जिंदगी का हर गम,मेरे हिस्से आ गया.

अजीब बात है नाह कोई मरता रहता है बात
करने के लिए और किसी को परवाह तक नहीं।

सुना है वो जाते हुए कह गये, के अब
तो हम सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मे आएँगे,
कोई कह दे उनसे के वो वादा कर ले,
हम जिंदगी भर के लिए सो जाएँगे.

Baat nahi karne ki shayari in hindi

कितना फर्क हैं ना हम दोनो की चाहत में
मुझे तुम्हे याद करने से फुर्सत नही और
तुम्हे मुझे याद करने की फुर्सत नही।

कितना भी दुनिया के लिए हँस के
जी लें हम,रुला देती है फिर भी
किसी की कमी कभी-कभी।

दिल का हाल बताना नहीं आता,
किसी को ऐसे तड़पना नहीं आता,
सुनना चाहते है आपके आवाज़,
मगर बात करने का बहाना नहीं आता।

मोहब्बत का कोई कसूर नहीं उसे तो मुझसे
रूठना ही था दिल मेरा शीशे सा साफ़ और
शीशे का अंजाम तो टूटना ही था.

जरुरी नहीं कि खूबसूरत लोग अच्छे हों
लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं.

खुद को किसी की अमानत समझकर
हर लम्हा वफादार रहना भी इश्क़ है।

बात नहीं करने पर शायरी

मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी
ऐसा कहकर वो call काट देते हैं
मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर
मेरी कॉल का इंतजार करते हैं.

रोते हुए को हसाने की क्या सजा पा गया,
मेरी जिंदगी की खुशी उसको मिली,
और उसकी जिंदगी का हर गम,
मेरे हिस्से आ गया.

कुछ दिन बात ना करने से कोई बेगाना
नहीं होता कोई भी दोस्त इतना पुराना
नहीं होता दोस्ती में गिले-शिकवे तो चलते
रहते हैं पर इसका मतलब दोस्तों को
भुलाना नहीं होता..

सुना है वो जाते हुए कह गये, के अब
तो हम सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मे आएँगे,
कोई कह दे उनसे के वो वादा कर ले,
हम जिंदगी भर के लिए सो जाएँगे..

बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी
बात होती है,वो हजारो रातों में वो एक
रात होती है,जब निगाहें उठा कर देखते हैं
वो मेरी तरफ,तब वो ही पल मेरे लीये पूरी
कायनात होती है।.

Baat nahi karoge shayari

औरत की इज्जत करो, इसलिए नहीं
की वो औरत है बल्कि ये साबित करने
के लिए कि आपकी परवरिश एक
अच्छी माँ ने की है.

कितना फर्क हैं ना हम दोनो की चाहत में..
मुझे तुम्हे याद करने से फुर्सत नही और
तुम्हे मुझे याद करने की फुर्सत नही।.

कितना भी दुनिया के लिए हँस के
जी लें हम,रुला देती है फिर भी
किसी की कमी कभी-कभी।

बदलना नहीं आता हमें मौसम की तरह,
हर एक रूप मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ ||
ना तुम समझ सको कयामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है

सिर्फ़ एक सफ़ाह पलटकर उसने,
बीती बातों की दुहाई दी है,
फिर वहीं लौट के जाना होगा,
यार ने कैसी रिहाई दी है.

Call नहीं कर सकता
Message नहीं कर सकता,
पर एक चीज़ कर सकता हु
तुझे याद कर सकता हु।

wo mujhse pyar nahi karte shayari

वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!

चलता रहा में रात भर
बस तेरी ही तलाश में
मिल जाए तू कही भी
बस इतनी सी आस में..!

मैं अक्सर गहरी बात कहता हूं
मैं अक्सर तेरी बात कहता हूं
पर पलट जाता हूं मैं जब कोई
मुझसे इश्क की बात करता है..!

एक बात मुझे
अब सबसे कहनी है
इस जिंदगी को अब
अपने अंदाज़ से जीनी है..!

तुम्हें हम याद नहीं कोई बात नहीं
लेकिन तुम किसी और की यादों में हो
यह कैसे बर्दाश्त करें..!!

कि अब ना वो मुझे कॉल करता है और ना
मैं उससे बात करती हूं
तू बेशक चाहे किसी और को
लेकिन मैं अभी भी तुझी पर मरती हूं.

तुम्हें हक है अपनी दुनिया में खुश रहने का
मेरी तो बस इतनी सी खता है
मैंने तो तुम्हें ही अपनी दुनिया माना है..!!

हां अब सुबह से शाम बात नहीं होती है हमारी
लेकिन ऐसा कोई वक्त नहीं जब
याद ना आती हो तुम्हारी..!!

मुझे भुलाने की कोशिश में
और भी मुझे को याद कर रहे हैं
आंखों में आंसू उसी ने दिया
और होठों पर मुस्कान लाने की बात कर रहे..!!

बात करने में जो मजा है
बात करके छोड़ देना आशिक के लिए
उससे कई गुना बड़ी सजा है..!!

अगर बात नहीं करनी थी तो
बात करने के लिए गली-गली
आगे पीछे भी नहीं घूमना चाहिए था..!!

कई लोगों को सफर में ही
हमसफर मिल जाते हैं
कई लोगों को मंजिल पर पहुंचकर
भी हमसफर नहीं मिलता..!!

कल तक हमसे बात किये बिना,
जिसे नींद तक नहीं आती थी,
आज हमसे बात करने का,
वक्त नहीं उसके पास।

दिल का हाल बताना नहीं आता,
किसी को ऐसे तड़पना नहीं आता,
सुनना चाहते है आपके आवाज़,
मगर बात करने का बहाना नहीं आता।

इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले

तुम बात ना करो, कोई बात नहीं,
लेकिन यह जान लो,
बात करने की शुरुआत वही करेगा,
जो बेपनाह मोहब्बत करता हो।

वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें।

बहुत हो गया अब रूठना और मनाना,
चलो दोबारा से शुरुआत करते हैं,
भुलादें सारी गलत फहमियां को,
चलो दोबारा से बात करने का आगाज करते हैं,

मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी,
ऐसा कहकर वो कॉल काट देते हैं,
मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर,
मेरी कॉल का इंतजार करते हैं।

कुछ दिन बात ना करने से कोई बेगाना नहीं होता,
कोई भी दोस्त इतना पुराना नहीं होता,
दोस्ती में गिले-शिकवे तो चलते रहते हैं,
पर इसका मतलब दोस्तों को भुलाना नहीं होता।

दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा

बात ना करने से इश्क कम नहीं होता,
बात ना करने से मोहब्बत कम नहीं हो जाती,
बस दिलों की दूरियां बढ़ने लगती हैं,
और प्यार की डोर धीरे धीरे कमजोर हो जाती है।

हरदम उनकी नजर मुझे देखे
वही आये नजर हम जिधर देखे
गुस्से से मुँह फुलाए बैठी है वो
कहा जाए अब हम और किधर देखे..

हर कोई पाने की ज़िद में हैं,
शायद कोई मुझे आजमाने की ज़िद में हैं,
जिसकी चाहत है मुझे बेइंतहा वो,
मुझे भूल जाने की ज़िद में हैं….

लंबा धागा और लंबी जुबान,
केवल समस्या ही पैदा करती हैं,
इसलिए धागे को लपेटकर और
जुबान को समेटकर ही रखना चाहिए।

जरूरी नही की कुछ तोड़ने,
के लिए पत्थर ही मारा जाए,
अंदाज बदल के बोलने से भी,
बहुत कुछ टूट जाता हैं..

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